रविवार, जुलाई 11, 2010

नारे नहीं गाने

तीन...
सियासत हुई गूंगी ना सूझ रहा कोई नारा,
कांग्रेस ने किया था 'जय हो' से जयकारा।
महंगाई की चक्की में पिसता गरीब-किसान,
बीजेपी का 'महंगाई डायन' से चले गुजारा।

कोई टिप्पणी नहीं: