....वो कहता है...
मेरा उससे
कोई
नाता न रहा
उसका मुझसे
कोई
रिश्ता न रहा
दीये से दोस्ती
जबसे टूट गयी
आंखें अंधेरों से
जोर-आजमाईश को
बेताब हो गयी
सोमवार, अगस्त 30, 2010
शनिवार, अगस्त 28, 2010
सोमवार, अगस्त 16, 2010
निर्वात के सन्नाटे में कोलाहल
लगता है जिस्म से एक कतरा अपना काट लिया हो मैंने ही किसी ने खुद पर घाव करने को मजबूर कर दिया हो जैसे क्यों ऐसा होता है कि हम मिलते हैं तो भोर कि उजास लिए मिलते हैं और बिछड़ते हैं तो संध्या की निराश धूल पुते चेहरे लेकर पीठ के नंबर दिखा देते हैं लेकिन क्या बिछड़ने की पीड़ा किसी एक की हो सकती है या जिसे गुनाहगार हम कहें वो ही गुनाहगार हो जाये
बुधवार, अगस्त 04, 2010
सोमवार, अगस्त 02, 2010
जंतर-मंतर
दिल्ली का जंतर-मंतर
बेखबर सरकारें
ख़बरदार करने की 'कोशिशें'
लेतीं आसरा
फुटपाथ का
पुलिस आमादा
कोशिशों को कुचलना
उसकी ड्यूटी है
भोपाल गैस पीड़ित भी
एक कोशिश में
बैठे थे जंतर-मंतर
मानसून सत्र जारी
क्या पता नेताओं के कम सुनने के
आदी कानों में भोपाल गैस पीड़ितों
का दर्द सुनाई पड़े
लेकिन
एंडरसन जाते जाते
छोड़ गए वारिस अपने
जो कभी सफेदपोश
कभी खाकी में
जंतर मंतर पर
कोशिशों को
आश्वासनों व् लाठी डंडों के बीच
दम तोड़ने देते हैं
बेखबर सरकारें
ख़बरदार करने की 'कोशिशें'
लेतीं आसरा
फुटपाथ का
पुलिस आमादा
कोशिशों को कुचलना
उसकी ड्यूटी है
भोपाल गैस पीड़ित भी
एक कोशिश में
बैठे थे जंतर-मंतर
मानसून सत्र जारी
क्या पता नेताओं के कम सुनने के
आदी कानों में भोपाल गैस पीड़ितों
का दर्द सुनाई पड़े
लेकिन
एंडरसन जाते जाते
छोड़ गए वारिस अपने
जो कभी सफेदपोश
कभी खाकी में
जंतर मंतर पर
कोशिशों को
आश्वासनों व् लाठी डंडों के बीच
दम तोड़ने देते हैं
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