सोमवार, अगस्त 02, 2010

जंतर-मंतर

दिल्ली का जंतर-मंतर
बेखबर सरकारें
ख़बरदार करने की 'कोशिशें'
लेतीं आसरा
फुटपाथ का
पुलिस आमादा
कोशिशों को कुचलना
उसकी ड्यूटी है
भोपाल गैस पीड़ित भी
एक कोशिश में
बैठे थे जंतर-मंतर
मानसून सत्र जारी
क्या पता नेताओं के कम सुनने के
आदी कानों में भोपाल गैस पीड़ितों
का दर्द सुनाई पड़े
लेकिन
एंडरसन जाते जाते
छोड़ गए वारिस अपने
जो कभी सफेदपोश
कभी खाकी में
जंतर मंतर पर
कोशिशों को
आश्वासनों व् लाठी डंडों के बीच
दम तोड़ने देते हैं


1 टिप्पणी:

Dr.Ajit ने कहा…

प्रजातंत्र मे जंतर-मंतर का हाल ऐसा ही रहेगा..

बढिया लेखन...जारी रखें...।

डा.अजीत