सोमवार, मई 24, 2010

काम करो काम...सर काम ही तो करते हैं..

इस गलाफाड़ लिखाड़ कोआजकल कहा जा रहा है कि थोडा काम और बढाओ..मैंने मन ही मन सोचा दाम..?.. उसकी चिंता मत करो तुम...मंदी के बादल अभी छंटे नही हैं...नौकरी बचाओ बेटा नौकरी...मैंने..कुछ नहीं कहा...काम करना शुरू कार दिया...पहले से तेज रफ़्तार और जोश के साथ ...

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