सोमवार, मई 17, 2010

नक्सल नासूर

नक्सलवाद के खात्मे की कसम खा चुके चिदंबरम- रमण के लिए एकबार फिर चुनौती...दंतेवाडा में निरीह पांच दर्जन आदिवासियों को निशाना बनाया गया..उन आदिवासियों को जिनको बचाने की दुहाई देकर आदिवासी अंचल में पनाह पाए हुयें है..नक्सली..उधर केंद्र-राज्य सरकारें भी बैठ कर सोचें क्योंकि वे भी आदिवासियों को बचाने के लिए दृढसंकल्प दिखना चाहती है..आप भी सोचिये आखिर ये हो क्या तरह है..किसको बचाने के लिए किसको कौन मार रहा है..सवाल बड़ा है..आने वाले दिनों में ये सबको झुलसाने वाला है...क्या ऐसा नहीं...?

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