बुधवार, सितंबर 15, 2010

माँ

न सिक्का न स्याही और न सरकार
अजीब शख्स है बस दुआ चाहता है
घर के सेहन की हो रही है किलेबंदी
शाम घर लौटे तो वो बस माँ चाहता है ...दिलबर

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